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हेलवेलिन टू हिमालया: इंक्लूडिंग ऐन अकाउंट ऑफ़ द फ़र्स्ट एसेंट ऑफ़ चोमोल्हारी

Author: चैपमैन, एफ़. स्पेंसर

Keywords: हिमालय, ब्रिटिश द्वीप समूह, पर्वतारोहण, यात्रा, विवरण

Publisher: चैटो एंड विंडस, लंदन

Description: एफ़. स्पेंसर चैपमैन द्वारा लिखित ‘हेलवेलिन टू हिमालया’ वर्ष 1940 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक के लेखक हमें बताते हैं कि उन्हें हमेशा से पहाड़ों से कोई लगाव न था, बल्कि उन्हें साहसिक कार्य करने का शौक था, और शीघ्र ही उन्होंने पर्वतारोहण में रुचि अर्जित की जो उन्हें पहाड़ों की भूल भुलैया की ओर ले गई। पुस्तक ग्यारह अध्यायों में विभाजित है। लेखक अपने बचपन के बारे में बताते हुए पुस्तक की शुरूआत करते हैं। फ़िर वह अपने द्वारा की गई लिवरपूल से हिमालय, उष्णकटिबंधीय जंगलों से लेकर सिम्वू की बर्फ़ीली चोटियों तक की यात्राओं, उनकी योजनाओं और रास्ते में उनके सामने आने वाली समस्याओं, का वर्णन करते हैं। पाठक को, ब्रिटिश द्वीपों से आल्प्स तक, आल्प्स से आइसलैंड, और ग्रीनलैंड तक की पर्वत चोटियों से परिचित कराया जाता है। पुस्तक कालिंपोंग का परिचय देती है, जो बंगाल के मैदानों से उठने वाली हिमालय पर्वतों की एक श्रृंखला है।

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author चैपमैन, एफ़. स्पेंसर
dc.date.accessioned 2019-03-11T16:43:14Z
dc.date.available 2019-03-11T16:43:14Z
dc.description एफ़. स्पेंसर चैपमैन द्वारा लिखित ‘हेलवेलिन टू हिमालया’ वर्ष 1940 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक के लेखक हमें बताते हैं कि उन्हें हमेशा से पहाड़ों से कोई लगाव न था, बल्कि उन्हें साहसिक कार्य करने का शौक था, और शीघ्र ही उन्होंने पर्वतारोहण में रुचि अर्जित की जो उन्हें पहाड़ों की भूल भुलैया की ओर ले गई। पुस्तक ग्यारह अध्यायों में विभाजित है। लेखक अपने बचपन के बारे में बताते हुए पुस्तक की शुरूआत करते हैं। फ़िर वह अपने द्वारा की गई लिवरपूल से हिमालय, उष्णकटिबंधीय जंगलों से लेकर सिम्वू की बर्फ़ीली चोटियों तक की यात्राओं, उनकी योजनाओं और रास्ते में उनके सामने आने वाली समस्याओं, का वर्णन करते हैं। पाठक को, ब्रिटिश द्वीपों से आल्प्स तक, आल्प्स से आइसलैंड, और ग्रीनलैंड तक की पर्वत चोटियों से परिचित कराया जाता है। पुस्तक कालिंपोंग का परिचय देती है, जो बंगाल के मैदानों से उठने वाली हिमालय पर्वतों की एक श्रृंखला है।
dc.format.extent xv, 284 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher चैटो एंड विंडस, लंदन
dc.subject हिमालय, ब्रिटिश द्वीप समूह, पर्वतारोहण, यात्रा, विवरण
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1940
dc.identifier.accessionnumber AS-004019
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author चैपमैन, एफ़. स्पेंसर
dc.date.accessioned 2019-03-11T16:43:14Z
dc.date.available 2019-03-11T16:43:14Z
dc.description एफ़. स्पेंसर चैपमैन द्वारा लिखित ‘हेलवेलिन टू हिमालया’ वर्ष 1940 में प्रकाशित हुई थी। पुस्तक के लेखक हमें बताते हैं कि उन्हें हमेशा से पहाड़ों से कोई लगाव न था, बल्कि उन्हें साहसिक कार्य करने का शौक था, और शीघ्र ही उन्होंने पर्वतारोहण में रुचि अर्जित की जो उन्हें पहाड़ों की भूल भुलैया की ओर ले गई। पुस्तक ग्यारह अध्यायों में विभाजित है। लेखक अपने बचपन के बारे में बताते हुए पुस्तक की शुरूआत करते हैं। फ़िर वह अपने द्वारा की गई लिवरपूल से हिमालय, उष्णकटिबंधीय जंगलों से लेकर सिम्वू की बर्फ़ीली चोटियों तक की यात्राओं, उनकी योजनाओं और रास्ते में उनके सामने आने वाली समस्याओं, का वर्णन करते हैं। पाठक को, ब्रिटिश द्वीपों से आल्प्स तक, आल्प्स से आइसलैंड, और ग्रीनलैंड तक की पर्वत चोटियों से परिचित कराया जाता है। पुस्तक कालिंपोंग का परिचय देती है, जो बंगाल के मैदानों से उठने वाली हिमालय पर्वतों की एक श्रृंखला है।
dc.format.extent xv, 284 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher चैटो एंड विंडस, लंदन
dc.subject हिमालय, ब्रिटिश द्वीप समूह, पर्वतारोहण, यात्रा, विवरण
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1940
dc.identifier.accessionnumber AS-004019
dc.format.medium text