हिस्ट्री ऑफ़ फ़ैक्टरी लेजिसलेशन
Author: हचिंस, बी.एल.
हैरिसन, ए.
Keywords: कारखाना अधिनियम, कानून, ग्रेट ब्रिटेन, औद्योगिक रोज़गार, सिद्धांत
Publisher: पी.एस. किंग & सन, लंदन
Description: बी एल हचिंस और ए हैरिसन द्वारा लिखित, यह पुस्तक कारखाना अधिनियम के विचार और अनुप्रयोग को सूचीबद्ध करती है। अधिनियम के साथ साथ, यह पुस्तक इसमें निहित सिद्धांत की सामान्य स्वीकार्यता पर चर्चा करती है, और साथ इस सिद्धांत की व्याख्या भी करती है। उत्तरवर्ती भाग में, लेखक इस बात की व्याख्या करते हैं कि कारखाना अधिनियम का विस्तार, वास्तव में, एक या दूसरे राष्ट्र में, औद्योगिक रोज़गार की परिस्थितियों के साथ सम-व्यापी बन चुका है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | हचिंस, बी.एल. हैरिसन, ए. |
| dc.date.accessioned | 2018-08-01T09:40:00Z |
| dc.date.available | 2018-08-01T09:40:00Z |
| dc.description | बी एल हचिंस और ए हैरिसन द्वारा लिखित, यह पुस्तक कारखाना अधिनियम के विचार और अनुप्रयोग को सूचीबद्ध करती है। अधिनियम के साथ साथ, यह पुस्तक इसमें निहित सिद्धांत की सामान्य स्वीकार्यता पर चर्चा करती है, और साथ इस सिद्धांत की व्याख्या भी करती है। उत्तरवर्ती भाग में, लेखक इस बात की व्याख्या करते हैं कि कारखाना अधिनियम का विस्तार, वास्तव में, एक या दूसरे राष्ट्र में, औद्योगिक रोज़गार की परिस्थितियों के साथ सम-व्यापी बन चुका है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xvi, 304 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | पी.एस. किंग & सन, लंदन |
| dc.relation.ispartofseries | Studies in Economics and Political Science;10 |
| dc.subject | कारखाना अधिनियम, कानून, ग्रेट ब्रिटेन, औद्योगिक रोज़गार, सिद्धांत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1911 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-033241 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | हचिंस, बी.एल. हैरिसन, ए. |
| dc.date.accessioned | 2018-08-01T09:40:00Z |
| dc.date.available | 2018-08-01T09:40:00Z |
| dc.description | बी एल हचिंस और ए हैरिसन द्वारा लिखित, यह पुस्तक कारखाना अधिनियम के विचार और अनुप्रयोग को सूचीबद्ध करती है। अधिनियम के साथ साथ, यह पुस्तक इसमें निहित सिद्धांत की सामान्य स्वीकार्यता पर चर्चा करती है, और साथ इस सिद्धांत की व्याख्या भी करती है। उत्तरवर्ती भाग में, लेखक इस बात की व्याख्या करते हैं कि कारखाना अधिनियम का विस्तार, वास्तव में, एक या दूसरे राष्ट्र में, औद्योगिक रोज़गार की परिस्थितियों के साथ सम-व्यापी बन चुका है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xvi, 304 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | पी.एस. किंग & सन, लंदन |
| dc.relation.ispartofseries | Studies in Economics and Political Science;10 |
| dc.subject | कारखाना अधिनियम, कानून, ग्रेट ब्रिटेन, औद्योगिक रोज़गार, सिद्धांत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1911 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-033241 |
| dc.format.medium | text |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
