अलोन थ्रू द फ़ॉरबिड्डेन लैंड: जर्नीस इन डिज़गाईज़ थ्रू सोवियट सेंट्रल एशिया
Author: क्रिस्ट, गस्तव
Keywords: सोवियत, रूस, तुर्क, ज़ार
Publisher: फ़ेबर एंड फ़ेबर, लंदन
Description: गस्तव क्रिस्ट रूस और आसपास के क्षेत्रों के अपने अपूर्व अनुभव की चर्चा करते हैं। उन्होंने पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस का सर्वप्रथम दौरा किया और बताते हैं कि कैसे ज़ार (रूस के बादशाह) और बाद में सोवियत शासन ने तुर्किस्तान में विदेशियों के जाने पर रोक लगाई जिससे इस सुंदर भूमि के बारे में ज्ञान के प्रसार को बंद कर दिया गया। यह पंद्रह अध्याय का कार्य उतना ही विस्तृत है जितना कि यह इतिहास से सराबोर है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | क्रिस्ट, गस्तव |
| dc.date.accessioned | 2017-06-19T06:52:18Z 2018-06-07T04:27:51Z |
| dc.date.available | 2017-06-19T06:52:18Z 2018-06-07T04:27:51Z |
| dc.description | गस्तव क्रिस्ट रूस और आसपास के क्षेत्रों के अपने अपूर्व अनुभव की चर्चा करते हैं। उन्होंने पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस का सर्वप्रथम दौरा किया और बताते हैं कि कैसे ज़ार (रूस के बादशाह) और बाद में सोवियत शासन ने तुर्किस्तान में विदेशियों के जाने पर रोक लगाई जिससे इस सुंदर भूमि के बारे में ज्ञान के प्रसार को बंद कर दिया गया। यह पंद्रह अध्याय का कार्य उतना ही विस्तृत है जितना कि यह इतिहास से सराबोर है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 271p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | फ़ेबर एंड फ़ेबर, लंदन |
| dc.subject | सोवियत, रूस, तुर्क, ज़ार |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1938 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-056498 |
| dc.format.medium | text |
| dc.contributor.translator | Lorimer, E.O. |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | क्रिस्ट, गस्तव |
| dc.date.accessioned | 2017-06-19T06:52:18Z 2018-06-07T04:27:51Z |
| dc.date.available | 2017-06-19T06:52:18Z 2018-06-07T04:27:51Z |
| dc.description | गस्तव क्रिस्ट रूस और आसपास के क्षेत्रों के अपने अपूर्व अनुभव की चर्चा करते हैं। उन्होंने पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस का सर्वप्रथम दौरा किया और बताते हैं कि कैसे ज़ार (रूस के बादशाह) और बाद में सोवियत शासन ने तुर्किस्तान में विदेशियों के जाने पर रोक लगाई जिससे इस सुंदर भूमि के बारे में ज्ञान के प्रसार को बंद कर दिया गया। यह पंद्रह अध्याय का कार्य उतना ही विस्तृत है जितना कि यह इतिहास से सराबोर है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 271p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | फ़ेबर एंड फ़ेबर, लंदन |
| dc.subject | सोवियत, रूस, तुर्क, ज़ार |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1938 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-056498 |
| dc.format.medium | text |
| dc.contributor.translator | Lorimer, E.O. |
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