बुद्धदेव
Author: टैगोर, रबींद्रनाथ
Keywords: भारत में बौद्ध धर्म, रबींद्रनाथ टैगोर, सोमनाथ मत्रा, महाबोधि सोसाइटी, कलकत्ता
Publisher: शांतिनिकेतन प्रेस, कलकत्ता
Description: यह दस्तावेज़ भगवान बुद्ध की जयंती पर कलकत्ता में श्री धर्मराजिका चैत्यविहार में महाबोधि सोसाइटी द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रसिद्ध कवि और कलाकार, रबींद्रनाथ टैगोर के भाषण को संबोधित करता है। मूल रूप से बांग्ला में दिए गए इस व्याख्यान का अनुवाद सोमनाथ मत्रा ने किया है। यह व्याख्यान श्री टैगोर द्वारा बुद्ध और बौद्ध धर्म पर किए गए लेखन के एक बड़े हिस्से का निर्माण करता है, जिसे बाद में विश्वभारती द्वारा परीनिर्वाण की 2500वीं जयंती पर प्रदर्शित किया गया।
Source: राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: राष्ट्रीय पुस्तकालय
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | टैगोर, रबींद्रनाथ |
| dc.date.accessioned | 2014-03-11T05:55:27Z 2019-12-07T03:47:07Z |
| dc.date.available | 2014-03-11T05:55:27Z 2019-12-07T03:47:07Z |
| dc.description | यह दस्तावेज़ भगवान बुद्ध की जयंती पर कलकत्ता में श्री धर्मराजिका चैत्यविहार में महाबोधि सोसाइटी द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रसिद्ध कवि और कलाकार, रबींद्रनाथ टैगोर के भाषण को संबोधित करता है। मूल रूप से बांग्ला में दिए गए इस व्याख्यान का अनुवाद सोमनाथ मत्रा ने किया है। यह व्याख्यान श्री टैगोर द्वारा बुद्ध और बौद्ध धर्म पर किए गए लेखन के एक बड़े हिस्से का निर्माण करता है, जिसे बाद में विश्वभारती द्वारा परीनिर्वाण की 2500वीं जयंती पर प्रदर्शित किया गया। |
| dc.source | राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता |
| dc.format.extent | 28 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | शांतिनिकेतन प्रेस, कलकत्ता |
| dc.subject | भारत में बौद्ध धर्म, रबींद्रनाथ टैगोर, सोमनाथ मत्रा, महाबोधि सोसाइटी, कलकत्ता |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.identifier.accessionnumber | 315295 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | टैगोर, रबींद्रनाथ |
| dc.date.accessioned | 2014-03-11T05:55:27Z 2019-12-07T03:47:07Z |
| dc.date.available | 2014-03-11T05:55:27Z 2019-12-07T03:47:07Z |
| dc.description | यह दस्तावेज़ भगवान बुद्ध की जयंती पर कलकत्ता में श्री धर्मराजिका चैत्यविहार में महाबोधि सोसाइटी द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रसिद्ध कवि और कलाकार, रबींद्रनाथ टैगोर के भाषण को संबोधित करता है। मूल रूप से बांग्ला में दिए गए इस व्याख्यान का अनुवाद सोमनाथ मत्रा ने किया है। यह व्याख्यान श्री टैगोर द्वारा बुद्ध और बौद्ध धर्म पर किए गए लेखन के एक बड़े हिस्से का निर्माण करता है, जिसे बाद में विश्वभारती द्वारा परीनिर्वाण की 2500वीं जयंती पर प्रदर्शित किया गया। |
| dc.source | राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता |
| dc.format.extent | 28 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | शांतिनिकेतन प्रेस, कलकत्ता |
| dc.subject | भारत में बौद्ध धर्म, रबींद्रनाथ टैगोर, सोमनाथ मत्रा, महाबोधि सोसाइटी, कलकत्ता |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.identifier.accessionnumber | 315295 |
| dc.format.medium | text |
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