भट्टकलंक देवाज़ कर्नाटक – शब्दानुशनम विद इट्स वृत्ति ऑर ग्लॉस, नेम्ड भाषा- मंजरी एंड व्याख्या ऑर कॉमेंट्री देयर ऑन कॉल्ड मंजरी-मकरंद एन एक्ज़हॉस्टिव ट्रीटिस ऑन द ग्रैमर ऑफ़ द लैंग्वेजेज़ कंप्लीटेड इन 1604 ए.डी.
Author: देव, भट्टकलंक
Editor: B. Lewis Rice
Keywords: कन्नड़, कर्नाटक, कन्नड़ साहित्य, कन्नड़ भाषा, कर्नाटक-शब्दानुशनम
Publisher: मैसूर सरकार केंद्रीय प्रेस, बंगलौर
Description: यह कन्नड़ पांडुलिपियों का एक संग्रह है जिससे, लेखक को उम्मीद थी, कन्नड़ भाषा का बेहतर विद्वतापूर्ण अध्ययन हो सकेगा। मूलपाठ में मुख्य रूप से वृत्ति या व्याख्या के साथ भट्टकलंक देव के कर्नाटक-शब्दानुशनम की पांडुलिपि शामिल है। लेखकों और उनके कार्यों के नाम के साथ कर्नाटक के साहित्य का परिचय देने के बाद, लेखक ने अंग्रेज़ी में दो टिप्पणियों के साथ कर्नाटक-शब्दानुशनम का मूलपाठ प्रदान किया है। इसके बाद इसमें कन्नड़ मूलपाठ और मूलपाठ में प्रयुक्त सभी कन्नड़ शब्दों की एक अनुक्रमणिका, उन शब्दों के अंग्रेज़ी अर्थों और पृष्ठ संख्याओं के साथ, दी गयी है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | देव, भट्टकलंक |
| dc.contributor.editor | B. Lewis Rice |
| dc.date.accessioned | 2019-02-25T12:14:12Z |
| dc.date.available | 2019-02-25T12:14:12Z |
| dc.description | यह कन्नड़ पांडुलिपियों का एक संग्रह है जिससे, लेखक को उम्मीद थी, कन्नड़ भाषा का बेहतर विद्वतापूर्ण अध्ययन हो सकेगा। मूलपाठ में मुख्य रूप से वृत्ति या व्याख्या के साथ भट्टकलंक देव के कर्नाटक-शब्दानुशनम की पांडुलिपि शामिल है। लेखकों और उनके कार्यों के नाम के साथ कर्नाटक के साहित्य का परिचय देने के बाद, लेखक ने अंग्रेज़ी में दो टिप्पणियों के साथ कर्नाटक-शब्दानुशनम का मूलपाठ प्रदान किया है। इसके बाद इसमें कन्नड़ मूलपाठ और मूलपाठ में प्रयुक्त सभी कन्नड़ शब्दों की एक अनुक्रमणिका, उन शब्दों के अंग्रेज़ी अर्थों और पृष्ठ संख्याओं के साथ, दी गयी है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 267p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | मैसूर सरकार केंद्रीय प्रेस, बंगलौर |
| dc.subject | कन्नड़, कर्नाटक, कन्नड़ साहित्य, कन्नड़ भाषा, कर्नाटक-शब्दानुशनम |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1890 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001820 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | देव, भट्टकलंक |
| dc.contributor.editor | B. Lewis Rice |
| dc.date.accessioned | 2019-02-25T12:14:12Z |
| dc.date.available | 2019-02-25T12:14:12Z |
| dc.description | यह कन्नड़ पांडुलिपियों का एक संग्रह है जिससे, लेखक को उम्मीद थी, कन्नड़ भाषा का बेहतर विद्वतापूर्ण अध्ययन हो सकेगा। मूलपाठ में मुख्य रूप से वृत्ति या व्याख्या के साथ भट्टकलंक देव के कर्नाटक-शब्दानुशनम की पांडुलिपि शामिल है। लेखकों और उनके कार्यों के नाम के साथ कर्नाटक के साहित्य का परिचय देने के बाद, लेखक ने अंग्रेज़ी में दो टिप्पणियों के साथ कर्नाटक-शब्दानुशनम का मूलपाठ प्रदान किया है। इसके बाद इसमें कन्नड़ मूलपाठ और मूलपाठ में प्रयुक्त सभी कन्नड़ शब्दों की एक अनुक्रमणिका, उन शब्दों के अंग्रेज़ी अर्थों और पृष्ठ संख्याओं के साथ, दी गयी है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 267p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | मैसूर सरकार केंद्रीय प्रेस, बंगलौर |
| dc.subject | कन्नड़, कर्नाटक, कन्नड़ साहित्य, कन्नड़ भाषा, कर्नाटक-शब्दानुशनम |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1890 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-001820 |
| dc.format.medium | text |
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