एन इंक्वायरी इंटू मीनिंग एंड ट्रूथ
Author: रसेल, बर्ट्रेंड
Keywords: वैचारिक कला, भाषा और तर्क
Publisher: जॉर्ज एलन एंड अनविन, लंदन
Description: बर्ट्रेंड रसेल द्वारा लिखित, यह काम अनुभवजन्य ज्ञान से संबंधित कुछ समस्याओं की जाँच है। पहले तीन अध्यायों में, रसेल शब्दों, वाक्यों और अनुभवों की व्याख्या करने वाले वाक्यों के अनुभवों से संबंध, की अनौपचारिक और परिचयात्मक चर्चा से सरोकार रखते हैं। अध्याय IV-VII भाषा के विश्लेषण में कुछ समस्याओं से संबंधित हैं। अगले चार अध्याय अवधारणात्मक ज्ञान, और विशेष रूप से 'बुनियादी पूर्व्सर्गों', के साथ संबंधित हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | रसेल, बर्ट्रेंड |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T15:53:23Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T15:53:23Z |
| dc.description | बर्ट्रेंड रसेल द्वारा लिखित, यह काम अनुभवजन्य ज्ञान से संबंधित कुछ समस्याओं की जाँच है। पहले तीन अध्यायों में, रसेल शब्दों, वाक्यों और अनुभवों की व्याख्या करने वाले वाक्यों के अनुभवों से संबंध, की अनौपचारिक और परिचयात्मक चर्चा से सरोकार रखते हैं। अध्याय IV-VII भाषा के विश्लेषण में कुछ समस्याओं से संबंधित हैं। अगले चार अध्याय अवधारणात्मक ज्ञान, और विशेष रूप से 'बुनियादी पूर्व्सर्गों', के साथ संबंधित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 352 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जॉर्ज एलन एंड अनविन, लंदन |
| dc.subject | वैचारिक कला, भाषा और तर्क |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1940 |
| dc.identifier.accessionnumber | E-002548 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | रसेल, बर्ट्रेंड |
| dc.date.accessioned | 2019-03-02T15:53:23Z |
| dc.date.available | 2019-03-02T15:53:23Z |
| dc.description | बर्ट्रेंड रसेल द्वारा लिखित, यह काम अनुभवजन्य ज्ञान से संबंधित कुछ समस्याओं की जाँच है। पहले तीन अध्यायों में, रसेल शब्दों, वाक्यों और अनुभवों की व्याख्या करने वाले वाक्यों के अनुभवों से संबंध, की अनौपचारिक और परिचयात्मक चर्चा से सरोकार रखते हैं। अध्याय IV-VII भाषा के विश्लेषण में कुछ समस्याओं से संबंधित हैं। अगले चार अध्याय अवधारणात्मक ज्ञान, और विशेष रूप से 'बुनियादी पूर्व्सर्गों', के साथ संबंधित हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 352 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जॉर्ज एलन एंड अनविन, लंदन |
| dc.subject | वैचारिक कला, भाषा और तर्क |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1940 |
| dc.identifier.accessionnumber | E-002548 |
| dc.format.medium | text |
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