हिस्टॉरिकल एसेज़
Author: क़ानूनगो, के.आर.
Keywords: इतिहास, ब्रिटिश, राजपूत, जाट, इस्लाम, गुरु नानक
Publisher: शिव लाल अग्रवाल, आगरा
Description: यह भारतीय इतिहास की चयनित अवधि के बारे में आलोचनात्मक निबंधों के समूह का संकलन है। यह कृति तीन भागों में विभाजित है: पहले भाग में राजपूतों, जाटों, उड़ीसा में हिंदी साहित्य और कुछ मध्यकालीन युग के फ़ारसी ऐतिहासिक ग्रंथों पर चर्चा की गई है। दूसरे भाग में भारतीय इतिहास में मध्यकालीन युग पर, मुग़ल सम्राटों, मराठा साम्राज्य और गुरु नानक के संदर्भ में, प्रकाश डाला गया है। तीसरे भाग में, लेखक ने अरब देश में और उसके आसपास इस्लामी इतिहास और राजतंत्र पर चर्चा की है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | क़ानूनगो, के.आर. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-16T09:40:45Z 2018-06-07T03:30:31Z |
| dc.date.available | 2017-05-16T09:40:45Z 2018-06-07T03:30:31Z |
| dc.description | यह भारतीय इतिहास की चयनित अवधि के बारे में आलोचनात्मक निबंधों के समूह का संकलन है। यह कृति तीन भागों में विभाजित है: पहले भाग में राजपूतों, जाटों, उड़ीसा में हिंदी साहित्य और कुछ मध्यकालीन युग के फ़ारसी ऐतिहासिक ग्रंथों पर चर्चा की गई है। दूसरे भाग में भारतीय इतिहास में मध्यकालीन युग पर, मुग़ल सम्राटों, मराठा साम्राज्य और गुरु नानक के संदर्भ में, प्रकाश डाला गया है। तीसरे भाग में, लेखक ने अरब देश में और उसके आसपास इस्लामी इतिहास और राजतंत्र पर चर्चा की है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 382 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | शिव लाल अग्रवाल, आगरा |
| dc.subject | इतिहास, ब्रिटिश, राजपूत, जाट, इस्लाम, गुरु नानक |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1968 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002537 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | क़ानूनगो, के.आर. |
| dc.date.accessioned | 2017-05-16T09:40:45Z 2018-06-07T03:30:31Z |
| dc.date.available | 2017-05-16T09:40:45Z 2018-06-07T03:30:31Z |
| dc.description | यह भारतीय इतिहास की चयनित अवधि के बारे में आलोचनात्मक निबंधों के समूह का संकलन है। यह कृति तीन भागों में विभाजित है: पहले भाग में राजपूतों, जाटों, उड़ीसा में हिंदी साहित्य और कुछ मध्यकालीन युग के फ़ारसी ऐतिहासिक ग्रंथों पर चर्चा की गई है। दूसरे भाग में भारतीय इतिहास में मध्यकालीन युग पर, मुग़ल सम्राटों, मराठा साम्राज्य और गुरु नानक के संदर्भ में, प्रकाश डाला गया है। तीसरे भाग में, लेखक ने अरब देश में और उसके आसपास इस्लामी इतिहास और राजतंत्र पर चर्चा की है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 382 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | शिव लाल अग्रवाल, आगरा |
| dc.subject | इतिहास, ब्रिटिश, राजपूत, जाट, इस्लाम, गुरु नानक |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1968 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002537 |
| dc.format.medium | text |
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