हिस्ट्री ऑफ़ प्री-मुसलमान इंडिया
Author: रंगाचार्य, वी.
Keywords: मुसलमान-पूर्व काल, वैदिक संस्कृति, आर्य, आर्य विस्तार, भारत
Publisher: हक्सली प्रेस, मद्रास
Description: वी. रंगाचार्य द्वारा लिखित 'हिस्ट्री ऑफ़ प्री-मुसलमान इंडिया वॉल I' वर्ष 1929 में प्रकाशित हुई थी। यह नौ खंडों की श्रृंखला की पहली पुस्तक है, जिसे प्रारंभिक काल से लेकर मुसलमानों द्वारा भारत में विजय तक के भारतीय इतिहास को बताने के लिए बनाया गया है। यह खंड वैदिक युग से भी पहले के युग में भारत और उसकी जातियों तथा कुल-वंशों, और उसकी संस्कृति के विकास की सारगर्भित तस्वीर देता है। इस प्रकार से यह उस समय की पृष्ठभूमि प्रदान करता है जिसमें भारतीय इतिहास के वैदिक काल की स्थापना हुई थी। हाल के वर्षों में उपलब्ध कराई गई नृविज्ञान, मानव-जाति विज्ञान, भूविज्ञान, लोककथाओं और प्रागैतिहासिक प्राचीन काल के क्षेत्रों से संबंधित प्रचुर सामग्री का उपयोग इस खंड को तैयार करने में किया गया है; और यह आशा की जाती है कि इन सामग्रियों के अध्ययन के परिणामों को सहसंबद्ध करने का प्रयास सफल रहे, ताकि पाठक के मन में भारत के इतिहास की वैदिक युग की शुरुआत से पहले की एक तस्वीर छोड़ी जा सके।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | रंगाचार्य, वी. |
| dc.date.accessioned | 2019-02-18T16:43:13Z |
| dc.date.available | 2019-02-18T16:43:13Z |
| dc.description | वी. रंगाचार्य द्वारा लिखित 'हिस्ट्री ऑफ़ प्री-मुसलमान इंडिया वॉल I' वर्ष 1929 में प्रकाशित हुई थी। यह नौ खंडों की श्रृंखला की पहली पुस्तक है, जिसे प्रारंभिक काल से लेकर मुसलमानों द्वारा भारत में विजय तक के भारतीय इतिहास को बताने के लिए बनाया गया है। यह खंड वैदिक युग से भी पहले के युग में भारत और उसकी जातियों तथा कुल-वंशों, और उसकी संस्कृति के विकास की सारगर्भित तस्वीर देता है। इस प्रकार से यह उस समय की पृष्ठभूमि प्रदान करता है जिसमें भारतीय इतिहास के वैदिक काल की स्थापना हुई थी। हाल के वर्षों में उपलब्ध कराई गई नृविज्ञान, मानव-जाति विज्ञान, भूविज्ञान, लोककथाओं और प्रागैतिहासिक प्राचीन काल के क्षेत्रों से संबंधित प्रचुर सामग्री का उपयोग इस खंड को तैयार करने में किया गया है; और यह आशा की जाती है कि इन सामग्रियों के अध्ययन के परिणामों को सहसंबद्ध करने का प्रयास सफल रहे, ताकि पाठक के मन में भारत के इतिहास की वैदिक युग की शुरुआत से पहले की एक तस्वीर छोड़ी जा सके। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xv, 566p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | हक्सली प्रेस, मद्रास |
| dc.subject | मुसलमान-पूर्व काल, वैदिक संस्कृति, आर्य, आर्य विस्तार, भारत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1929 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002614 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | रंगाचार्य, वी. |
| dc.date.accessioned | 2019-02-18T16:43:13Z |
| dc.date.available | 2019-02-18T16:43:13Z |
| dc.description | वी. रंगाचार्य द्वारा लिखित 'हिस्ट्री ऑफ़ प्री-मुसलमान इंडिया वॉल I' वर्ष 1929 में प्रकाशित हुई थी। यह नौ खंडों की श्रृंखला की पहली पुस्तक है, जिसे प्रारंभिक काल से लेकर मुसलमानों द्वारा भारत में विजय तक के भारतीय इतिहास को बताने के लिए बनाया गया है। यह खंड वैदिक युग से भी पहले के युग में भारत और उसकी जातियों तथा कुल-वंशों, और उसकी संस्कृति के विकास की सारगर्भित तस्वीर देता है। इस प्रकार से यह उस समय की पृष्ठभूमि प्रदान करता है जिसमें भारतीय इतिहास के वैदिक काल की स्थापना हुई थी। हाल के वर्षों में उपलब्ध कराई गई नृविज्ञान, मानव-जाति विज्ञान, भूविज्ञान, लोककथाओं और प्रागैतिहासिक प्राचीन काल के क्षेत्रों से संबंधित प्रचुर सामग्री का उपयोग इस खंड को तैयार करने में किया गया है; और यह आशा की जाती है कि इन सामग्रियों के अध्ययन के परिणामों को सहसंबद्ध करने का प्रयास सफल रहे, ताकि पाठक के मन में भारत के इतिहास की वैदिक युग की शुरुआत से पहले की एक तस्वीर छोड़ी जा सके। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xv, 566p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | हक्सली प्रेस, मद्रास |
| dc.subject | मुसलमान-पूर्व काल, वैदिक संस्कृति, आर्य, आर्य विस्तार, भारत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1929 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002614 |
| dc.format.medium | text |
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