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अ मैन्युअल ऑफ़ द जियोलॉजी ऑफ़ इंडिया

Author: बॉल, वी.

Keywords: भारत का भू-विज्ञान, खनिज-विज्ञान, आर्थिक भू-विज्ञान

Issue Date: 1881

Publisher: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कलकत्ता

Description: वी.बॉल द्वारा लिखित यह पुस्तक (भाग III) भारत के आर्थिक भू-विज्ञान को सम्मिलित करती है जिसे चौदह अलग-अलग अध्यायों में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उपमहाद्वीप में उपलब्ध प्रत्येक खनिज संसाधन का विस्तृत वर्णन है। भारत की अविश्वसनीय खनिज संसाधनों की भूमि के रूप में पहचान की प्राचीन कहानियों, लोक कथाओं और कहावतों में भी प्रशंसा की गई है, जिसका उल्लेख कई खनिज संसाधनों पर अध्याय प्रस्तुत करते हुए वी. बॉल द्वारा किया गया है। ये सभी विवरण सामूहिक रूप से इस पुस्तक के तीसरा भाग को, खनिजों के आर्थिक मूल्य की व्याख्या करने के लिए, एक विशेष संसाधन बना देते हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author बॉल, वी.
dc.date.accessioned 2019-02-19T17:49:08Z
dc.date.available 2019-02-19T17:49:08Z
dc.description वी.बॉल द्वारा लिखित यह पुस्तक (भाग III) भारत के आर्थिक भू-विज्ञान को सम्मिलित करती है जिसे चौदह अलग-अलग अध्यायों में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उपमहाद्वीप में उपलब्ध प्रत्येक खनिज संसाधन का विस्तृत वर्णन है। भारत की अविश्वसनीय खनिज संसाधनों की भूमि के रूप में पहचान की प्राचीन कहानियों, लोक कथाओं और कहावतों में भी प्रशंसा की गई है, जिसका उल्लेख कई खनिज संसाधनों पर अध्याय प्रस्तुत करते हुए वी. बॉल द्वारा किया गया है। ये सभी विवरण सामूहिक रूप से इस पुस्तक के तीसरा भाग को, खनिजों के आर्थिक मूल्य की व्याख्या करने के लिए, एक विशेष संसाधन बना देते हैं।
dc.date.issued 1881
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xx, 663p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कलकत्ता
dc.subject भारत का भू-विज्ञान, खनिज-विज्ञान, आर्थिक भू-विज्ञान
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.identifier.accessionnumber AS-001719
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author बॉल, वी.
dc.date.accessioned 2019-02-19T17:49:08Z
dc.date.available 2019-02-19T17:49:08Z
dc.description वी.बॉल द्वारा लिखित यह पुस्तक (भाग III) भारत के आर्थिक भू-विज्ञान को सम्मिलित करती है जिसे चौदह अलग-अलग अध्यायों में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उपमहाद्वीप में उपलब्ध प्रत्येक खनिज संसाधन का विस्तृत वर्णन है। भारत की अविश्वसनीय खनिज संसाधनों की भूमि के रूप में पहचान की प्राचीन कहानियों, लोक कथाओं और कहावतों में भी प्रशंसा की गई है, जिसका उल्लेख कई खनिज संसाधनों पर अध्याय प्रस्तुत करते हुए वी. बॉल द्वारा किया गया है। ये सभी विवरण सामूहिक रूप से इस पुस्तक के तीसरा भाग को, खनिजों के आर्थिक मूल्य की व्याख्या करने के लिए, एक विशेष संसाधन बना देते हैं।
dc.date.issued 1881
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xx, 663p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कलकत्ता
dc.subject भारत का भू-विज्ञान, खनिज-विज्ञान, आर्थिक भू-विज्ञान
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.identifier.accessionnumber AS-001719
dc.format.medium text