फ़ोक लोर नोट्स
Author: जैक्सन, ए.एम.टी.
एंथोवन, आर.ई.
Keywords: लोक-कथा, कोंकण क्षेत्र, प्रकृति पूजा, जादू टोना, भारत
Publisher: ब्रिटिश इंडिया प्रेस, बॉम्बे
Description: लोक-कथा टिप्पणियों का यह दूसरा खंड ग्यारह अध्यायों में विभाजित है और कोंकण क्षेत्र पर आधारित है। ये अध्याय मुख्य रूप से इस क्षेत्र के लोगों के बीच विभिन्न चीजों की पूजा करने की प्रथाओं के बारे में बात करते हैं। यह प्राकृतिक पर्यावरण की पूजा की चर्चा के साथ शुरू होता है, उदाहरण के लिए सूर्य पूजा, चंद्र पूजा, मेघगर्जन और बिजली की पूजा, पौधों, जानवरों और भूकंपों की पूजा, आदि। पुस्तक में 'रोग के देवताओं', ‘गणचिह्नवाद (टोटमवाद)’, पूर्वजों और मृतकों की पूजा, भूतों और जादू टोने के क्षतचिन्ह भी शामिल हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जैक्सन, ए.एम.टी. एंथोवन, आर.ई. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-30T09:45:38Z |
| dc.date.available | 2018-07-30T09:45:38Z |
| dc.description | लोक-कथा टिप्पणियों का यह दूसरा खंड ग्यारह अध्यायों में विभाजित है और कोंकण क्षेत्र पर आधारित है। ये अध्याय मुख्य रूप से इस क्षेत्र के लोगों के बीच विभिन्न चीजों की पूजा करने की प्रथाओं के बारे में बात करते हैं। यह प्राकृतिक पर्यावरण की पूजा की चर्चा के साथ शुरू होता है, उदाहरण के लिए सूर्य पूजा, चंद्र पूजा, मेघगर्जन और बिजली की पूजा, पौधों, जानवरों और भूकंपों की पूजा, आदि। पुस्तक में 'रोग के देवताओं', ‘गणचिह्नवाद (टोटमवाद)’, पूर्वजों और मृतकों की पूजा, भूतों और जादू टोने के क्षतचिन्ह भी शामिल हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v.ii; 92p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | ब्रिटिश इंडिया प्रेस, बॉम्बे |
| dc.subject | लोक-कथा, कोंकण क्षेत्र, प्रकृति पूजा, जादू टोना, भारत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1914 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004982 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | जैक्सन, ए.एम.टी. एंथोवन, आर.ई. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-30T09:45:38Z |
| dc.date.available | 2018-07-30T09:45:38Z |
| dc.description | लोक-कथा टिप्पणियों का यह दूसरा खंड ग्यारह अध्यायों में विभाजित है और कोंकण क्षेत्र पर आधारित है। ये अध्याय मुख्य रूप से इस क्षेत्र के लोगों के बीच विभिन्न चीजों की पूजा करने की प्रथाओं के बारे में बात करते हैं। यह प्राकृतिक पर्यावरण की पूजा की चर्चा के साथ शुरू होता है, उदाहरण के लिए सूर्य पूजा, चंद्र पूजा, मेघगर्जन और बिजली की पूजा, पौधों, जानवरों और भूकंपों की पूजा, आदि। पुस्तक में 'रोग के देवताओं', ‘गणचिह्नवाद (टोटमवाद)’, पूर्वजों और मृतकों की पूजा, भूतों और जादू टोने के क्षतचिन्ह भी शामिल हैं। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | v.ii; 92p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | ब्रिटिश इंडिया प्रेस, बॉम्बे |
| dc.subject | लोक-कथा, कोंकण क्षेत्र, प्रकृति पूजा, जादू टोना, भारत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1914 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-004982 |
| dc.format.medium | text |
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