फ़ोक-लोर ऑफ़ नॉदर्न इंडिया
Author: क्रुक, डब्ल्यू.
Keywords: लोक-कथा, भारत, मान्यताएँ, भूत और बुरी नजर, गणचिह्नवाद (टोटमवाद), नाग पूजा
Publisher: मुंशीराम मनोहरलाल, दिल्ली
Description: यह रोचक पुस्तक उत्तर भारत के लोगों के बीच प्रचलित विभिन्न स्थानीय प्रथाओं का विवरण देने का प्रयास करती है। इसमें कुल छह अध्याय हैं और यह 'बुरी नज़र', वृक्ष, पशु और नाग पूजा, गणचिह्नवाद (टोटमवाद) और मूर्तिपूजन, जादू-टोने में विश्वास, 'काला जादू', आदि, की मान्यताओं पर चर्चा की गई है। यह पुस्तक उन विभिन्न सिद्धांतों, जिन्हें लोग इन मान्यताओं के साथ जोड़ते हैं, तथा उन अनुष्ठानों के बारे में बात करती है, जिनका अभ्यास वे अपने जीवन को तथाकथित सुरक्षित बनाने के लिए करते हैं। इस पुस्तक में विभिन्न बिंदुओं पर लेखक इन प्रथाओं की तुलना दुनिया के अन्य हिस्सों में लोकप्रिय मान्यताओं के साथ करता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | क्रुक, डब्ल्यू. |
| dc.date.accessioned | 2019-02-26T14:51:50Z |
| dc.date.available | 2019-02-26T14:51:50Z |
| dc.description | यह रोचक पुस्तक उत्तर भारत के लोगों के बीच प्रचलित विभिन्न स्थानीय प्रथाओं का विवरण देने का प्रयास करती है। इसमें कुल छह अध्याय हैं और यह 'बुरी नज़र', वृक्ष, पशु और नाग पूजा, गणचिह्नवाद (टोटमवाद) और मूर्तिपूजन, जादू-टोने में विश्वास, 'काला जादू', आदि, की मान्यताओं पर चर्चा की गई है। यह पुस्तक उन विभिन्न सिद्धांतों, जिन्हें लोग इन मान्यताओं के साथ जोड़ते हैं, तथा उन अनुष्ठानों के बारे में बात करती है, जिनका अभ्यास वे अपने जीवन को तथाकथित सुरक्षित बनाने के लिए करते हैं। इस पुस्तक में विभिन्न बिंदुओं पर लेखक इन प्रथाओं की तुलना दुनिया के अन्य हिस्सों में लोकप्रिय मान्यताओं के साथ करता है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vi, 294 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | मुंशीराम मनोहरलाल, दिल्ली |
| dc.subject | लोक-कथा, भारत, मान्यताएँ, भूत और बुरी नजर, गणचिह्नवाद (टोटमवाद), नाग पूजा |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1968 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-011128 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | क्रुक, डब्ल्यू. |
| dc.date.accessioned | 2019-02-26T14:51:50Z |
| dc.date.available | 2019-02-26T14:51:50Z |
| dc.description | यह रोचक पुस्तक उत्तर भारत के लोगों के बीच प्रचलित विभिन्न स्थानीय प्रथाओं का विवरण देने का प्रयास करती है। इसमें कुल छह अध्याय हैं और यह 'बुरी नज़र', वृक्ष, पशु और नाग पूजा, गणचिह्नवाद (टोटमवाद) और मूर्तिपूजन, जादू-टोने में विश्वास, 'काला जादू', आदि, की मान्यताओं पर चर्चा की गई है। यह पुस्तक उन विभिन्न सिद्धांतों, जिन्हें लोग इन मान्यताओं के साथ जोड़ते हैं, तथा उन अनुष्ठानों के बारे में बात करती है, जिनका अभ्यास वे अपने जीवन को तथाकथित सुरक्षित बनाने के लिए करते हैं। इस पुस्तक में विभिन्न बिंदुओं पर लेखक इन प्रथाओं की तुलना दुनिया के अन्य हिस्सों में लोकप्रिय मान्यताओं के साथ करता है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | vi, 294 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | मुंशीराम मनोहरलाल, दिल्ली |
| dc.subject | लोक-कथा, भारत, मान्यताएँ, भूत और बुरी नजर, गणचिह्नवाद (टोटमवाद), नाग पूजा |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1968 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-011128 |
| dc.format.medium | text |
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