फ़र्मिंगर्स मैनुअल ऑफ़ गार्डेनिंग फ़ॉर इंडिया
Keywords: बागवानी, उद्यान, भारत में बागवानी, थॉमस ऑगस्टस फ़र्मिंगर, खाद्य विकास
Publisher: थैकर, स्पिंक & को., कलकत्ता
Description: यह पुस्तक का आठवाँ संस्करण है, जिसे 1958 में भारत में खाद्य विकास की मांगों को पूरा करने के लिए पुनर्मुद्रित किया गया। इस पुस्तक का पहला संस्करण थॉमस ऑगस्टस फ़र्मिंगर द्वारा 1863 में लिखा गया था, और यह संस्करण उनके बेटे द्वारा उनपर लिखे गए जीवनी संबंधी विवरण के साथ आरंभ होता है। यह पुस्तक पाँच भागों में विभाजित है जो बागवानी, शाक उद्यान, फल उद्यान, फूल उद्यान, आदि, की कार्य-विधियों पर चर्चा करते हैं। इसमें कई आकृतियाँ और चित्र भी हैं। यह भारत में खाद्य विकास पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने वाली एक रोचक और महत्वपूर्ण कृति है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.date.accessioned | 2019-02-23T15:13:09Z |
| dc.date.available | 2019-02-23T15:13:09Z |
| dc.description | यह पुस्तक का आठवाँ संस्करण है, जिसे 1958 में भारत में खाद्य विकास की मांगों को पूरा करने के लिए पुनर्मुद्रित किया गया। इस पुस्तक का पहला संस्करण थॉमस ऑगस्टस फ़र्मिंगर द्वारा 1863 में लिखा गया था, और यह संस्करण उनके बेटे द्वारा उनपर लिखे गए जीवनी संबंधी विवरण के साथ आरंभ होता है। यह पुस्तक पाँच भागों में विभाजित है जो बागवानी, शाक उद्यान, फल उद्यान, फूल उद्यान, आदि, की कार्य-विधियों पर चर्चा करते हैं। इसमें कई आकृतियाँ और चित्र भी हैं। यह भारत में खाद्य विकास पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने वाली एक रोचक और महत्वपूर्ण कृति है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xxii, 666p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | थैकर, स्पिंक & को., कलकत्ता |
| dc.subject | बागवानी, उद्यान, भारत में बागवानी, थॉमस ऑगस्टस फ़र्मिंगर, खाद्य विकास |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1958 |
| dc.identifier.accessionnumber | 635.0954 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.date.accessioned | 2019-02-23T15:13:09Z |
| dc.date.available | 2019-02-23T15:13:09Z |
| dc.description | यह पुस्तक का आठवाँ संस्करण है, जिसे 1958 में भारत में खाद्य विकास की मांगों को पूरा करने के लिए पुनर्मुद्रित किया गया। इस पुस्तक का पहला संस्करण थॉमस ऑगस्टस फ़र्मिंगर द्वारा 1863 में लिखा गया था, और यह संस्करण उनके बेटे द्वारा उनपर लिखे गए जीवनी संबंधी विवरण के साथ आरंभ होता है। यह पुस्तक पाँच भागों में विभाजित है जो बागवानी, शाक उद्यान, फल उद्यान, फूल उद्यान, आदि, की कार्य-विधियों पर चर्चा करते हैं। इसमें कई आकृतियाँ और चित्र भी हैं। यह भारत में खाद्य विकास पर आवश्यक जानकारी प्रदान करने वाली एक रोचक और महत्वपूर्ण कृति है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | xxii, 666p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | थैकर, स्पिंक & को., कलकत्ता |
| dc.subject | बागवानी, उद्यान, भारत में बागवानी, थॉमस ऑगस्टस फ़र्मिंगर, खाद्य विकास |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1958 |
| dc.identifier.accessionnumber | 635.0954 |
| dc.format.medium | text |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
