अ शॉर्ट अकाउंट ऑफ़ द मटेरिया मेडिका ऑफ़ पटना
Author: अर्विन, आर. एच.
Keywords: दवाई, देशी दवाई, वनस्पति शास्त्र, चिकित्सीय, मेडिका, पटना, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, शाक-शास्त्र, वानस्पतिक अध्ययन
Publisher: डब्ल्यू. रिड्सडेल, मिलिट्री ऑरफ़न प्रेस, 1848
Description: यह पुस्तक पटना में देशी दवाओं की प्रकृति और गुणों की जाँच का प्रतिफल है। पुस्तक में इन दवाओं के उपचार, प्राकृतिक लक्षण, व्यवहारिक गुणों, जीवित प्रणाली पर प्रभाव, उनकी कार्यवाही और अनुप्रयोग के सिद्धांत का अध्ययन शामिल है। लेखक ने महसूस किया कि पटना में चिकित्सा व्यवसाय अंधविश्वास और अनैतिकता पर आधारित है और इसीलिए इन दवाओं के उचित उपयोग की व्याख्या होने से बहुत लाभ होगा। पुस्तक दवाओं के सामान्य और वानस्पतिक नामों और देश को सूचीबद्ध करती है और दवा का उपयोग कैसे करें और कितनी ख़ुराक में करें, इस पर टिप्पणी करती है।
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | अर्विन, आर. एच. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-12T12:13:16Z |
| dc.date.available | 2019-03-12T12:13:16Z |
| dc.description | यह पुस्तक पटना में देशी दवाओं की प्रकृति और गुणों की जाँच का प्रतिफल है। पुस्तक में इन दवाओं के उपचार, प्राकृतिक लक्षण, व्यवहारिक गुणों, जीवित प्रणाली पर प्रभाव, उनकी कार्यवाही और अनुप्रयोग के सिद्धांत का अध्ययन शामिल है। लेखक ने महसूस किया कि पटना में चिकित्सा व्यवसाय अंधविश्वास और अनैतिकता पर आधारित है और इसीलिए इन दवाओं के उचित उपयोग की व्याख्या होने से बहुत लाभ होगा। पुस्तक दवाओं के सामान्य और वानस्पतिक नामों और देश को सूचीबद्ध करती है और दवा का उपयोग कैसे करें और कितनी ख़ुराक में करें, इस पर टिप्पणी करती है। |
| dc.format.extent | 129 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डब्ल्यू. रिड्सडेल, मिलिट्री ऑरफ़न प्रेस, 1848 |
| dc.subject | दवाई, देशी दवाई, वनस्पति शास्त्र, चिकित्सीय, मेडिका, पटना, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, शाक-शास्त्र, वानस्पतिक अध्ययन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-005236 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | अर्विन, आर. एच. |
| dc.date.accessioned | 2019-03-12T12:13:16Z |
| dc.date.available | 2019-03-12T12:13:16Z |
| dc.description | यह पुस्तक पटना में देशी दवाओं की प्रकृति और गुणों की जाँच का प्रतिफल है। पुस्तक में इन दवाओं के उपचार, प्राकृतिक लक्षण, व्यवहारिक गुणों, जीवित प्रणाली पर प्रभाव, उनकी कार्यवाही और अनुप्रयोग के सिद्धांत का अध्ययन शामिल है। लेखक ने महसूस किया कि पटना में चिकित्सा व्यवसाय अंधविश्वास और अनैतिकता पर आधारित है और इसीलिए इन दवाओं के उचित उपयोग की व्याख्या होने से बहुत लाभ होगा। पुस्तक दवाओं के सामान्य और वानस्पतिक नामों और देश को सूचीबद्ध करती है और दवा का उपयोग कैसे करें और कितनी ख़ुराक में करें, इस पर टिप्पणी करती है। |
| dc.format.extent | 129 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | डब्ल्यू. रिड्सडेल, मिलिट्री ऑरफ़न प्रेस, 1848 |
| dc.subject | दवाई, देशी दवाई, वनस्पति शास्त्र, चिकित्सीय, मेडिका, पटना, जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, शाक-शास्त्र, वानस्पतिक अध्ययन |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-005236 |
| dc.format.medium | text |
भारत सरकार


डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘भारतीय संस्कृति’ पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
