अ फ़ॉरेनर लुक्स एट इंडिया
Author: स्टाल, पी.
Keywords: जनसांख्यिकी, इतिहास, ब्रिटिश, रूसी, वृत्तांत
Publisher: जॉनथन केप, लंदन
Description: इस दस अध्याय के वृत्तांत में पी. स्टाल देश की जनसांख्यिकी, इतिहास, चुनौतियों, शिक्षा के तंत्र आदि को विभिन्न नज़रियों से देखते हुए भारत के बारे में अपने अनुभवों और टिप्पणियों को साझा करते हैं। उन्होंने भूगोल को मनुष्य के विकास और धर्म के निर्माण के साथ-साथ "राष्ट्रीय एकता" की भावना के साथ पिरोया और भारत में ब्रिटिश सत्ता के उदय का प्रलेखन किया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | स्टाल, पी. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-24T10:12:37Z |
| dc.date.available | 2018-07-24T10:12:37Z |
| dc.description | इस दस अध्याय के वृत्तांत में पी. स्टाल देश की जनसांख्यिकी, इतिहास, चुनौतियों, शिक्षा के तंत्र आदि को विभिन्न नज़रियों से देखते हुए भारत के बारे में अपने अनुभवों और टिप्पणियों को साझा करते हैं। उन्होंने भूगोल को मनुष्य के विकास और धर्म के निर्माण के साथ-साथ "राष्ट्रीय एकता" की भावना के साथ पिरोया और भारत में ब्रिटिश सत्ता के उदय का प्रलेखन किया है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 252 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जॉनथन केप, लंदन |
| dc.subject | जनसांख्यिकी, इतिहास, ब्रिटिश, रूसी, वृत्तांत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1934 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002443 |
| dc.format.medium | text |
| DC Field | Value |
| dc.contributor.author | स्टाल, पी. |
| dc.coverage.spatial | India |
| dc.date.accessioned | 2018-07-24T10:12:37Z |
| dc.date.available | 2018-07-24T10:12:37Z |
| dc.description | इस दस अध्याय के वृत्तांत में पी. स्टाल देश की जनसांख्यिकी, इतिहास, चुनौतियों, शिक्षा के तंत्र आदि को विभिन्न नज़रियों से देखते हुए भारत के बारे में अपने अनुभवों और टिप्पणियों को साझा करते हैं। उन्होंने भूगोल को मनुष्य के विकास और धर्म के निर्माण के साथ-साथ "राष्ट्रीय एकता" की भावना के साथ पिरोया और भारत में ब्रिटिश सत्ता के उदय का प्रलेखन किया है। |
| dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
| dc.format.extent | 252 p. |
| dc.format.mimetype | application/pdf |
| dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
| dc.publisher | जॉनथन केप, लंदन |
| dc.subject | जनसांख्यिकी, इतिहास, ब्रिटिश, रूसी, वृत्तांत |
| dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
| dc.date.copyright | 1934 |
| dc.identifier.accessionnumber | AS-002443 |
| dc.format.medium | text |
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